लालची राजा | The Greedy King| Moral story in Hindi

 इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे की कैसे एक लालची राजा को उसके लालच का सबक मिला और कैसे उसने लालच को त्याग दिया।

लालची राजा | The Greedy King


लालची राजा 

प्राचीन समय की बात है। एक राज्य में एक राजा राज्य करता था। उसके पास कई महल थे।  वह और भी धन चाहता था। इसलिए उसने तपस्या प्रारंभ कर दी। इसलिए उसने कठिन तपस्या की।

 उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वर ने उसे मनचाहा वरदान मांगने को कहा। राजा ने मांगा कि "मैं जिस भी चीज को छू लूं, वह सोने का हो जाए।" ईश्वर ने उसको वरदान दे दिया। राजा बहुत खुश हो गया। 

राजा ने पेड़ को छू के देखा, पेड़ सोने का हो गया। फिर उसने कुर्सी, गमले, सिंहासन सब को छू कर सोने का बना दिया। राजा की खुशी का ठिकाना ना रहा। उसने सोचा  "मैं इस दुनिया का सबसे अमीर आदमी हूं।"


एकता में शक्ति है।

तेनालीराम और घमंडी जादूगर


 कुछ समय बाद राजा को भूख लगी। उसने खाना मंगाया। राजा ने जैसे ही खाने को छुआ, वह सोने का हो गया। राजा कुछ भी खा पी नहीं सका। थोड़ी देर बाद उसकी बेटी वहां आई। राजा ने प्यार से बेटी को गले लगा लिया। 

जैसे ही राजा ने उसे गले लगाया, वह भी सोने की बन गई। राजा सन्न रह गया। वह बहुत दुखी हो गया। राजा ने ईश्वर से  उसका वरदान फिर से छीन लेने के लिए कहा। ईश्वर ने फिर से सभी सोने की चीजों को पुराना बना दिया। अब राजा को सबक मिल चुका था कि सिर्फ धन से खुशी नहीं मिलती।

 शिक्षा: लालच दुख का कारण है।

आलसी गधा






लालची राजा | The Greedy King| Moral story in Hindi लालची राजा | The Greedy King|  Moral story in Hindi Reviewed by Kahani Sangrah on अगस्त 26, 2024 Rating: 5

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